हॉकी पर निबंध (Hockey Essay in Hindi)
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है हालांकि, सभी देशों के द्वारा खेला जाता है। यह तेज खेला जाने वाला खेल है जो, दो टीमों के बीच में खेला जाता है। सभी खिलाड़ियों का लक्ष्य अधिक अंक प्राप्त करने के लिए बॉल को दूसरी टीम के नेट पर मारना होता है। हमारा देश 1928 में हॉकी में विश्व विजेता रह चुका है और ओलम्पिक खेलों में 6 स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) जीत चुका है। 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णकाल के रुप में जाना जाता है। बुद्धिमान हॉकी के खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया, क्योंकि उन्होंने इस बीच में ओलम्पिक खेलों में भारत ने बहुत बार हॉकी में विजय प्राप्त की थी। वे हॉकी खेलने के जादू को अच्छी तरह से जानते थे और जिसने सभी के दिलों को जीत लिया।
हॉकी पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Hockey in Hindi, Hockey par Nibandh Hindi mein)
हॉकी पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
यह भारत का राष्ट्रीय खेल है, भारत इस खेल में बहुत अच्छी जीतों से कई बार गौरवान्वित हुआ है। भारत हॉकी के क्षेत्र में लगातार कई सालों तक विश्व विजेता रह चुका है। अब यह खेल अन्य देशों, जैसे- हॉलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, आदि में भी प्रसिद्ध हो गया है।
हॉकी खेलने का तरीका और लाभ
यह दो टीमों के बीच खेला जाने वाला खेल है, जिसमें दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। इस खेल में पूरे समय खिलाड़ियों की स्थिति (गोल कीपर, दांया पीछे (राइट बैक), केन्द्रीय फॉरवर्ड (सेंट्रल फॉरवर्ड) और बांया पीछे (लेफ्ट बैक)) बहुत महत्वपूर्ण होती है। हॉकी खेलने से हमारे मसल बनते है , रक्तचाप कम होता है, वजन घटता है और हमारा मन भी तरोताजा रहता है।
हॉकी का इतिहास
भारतीय हॉकी के स्वर्णकाल के नायक ध्यान चन्द, अजीत पाल सिंह, धनराज पिल्लै, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, बाबू निमल, बलबीर सिंह सीनियर, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, आदि थे। वे सभी वास्तविक नायक थे, जो भारतीय हॉकी के क्षेत्र को बड़ी सफलता की ओर ले गए थे। ध्यानचंद एक प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्हें अभी भी हॉकी के जादूगर के रूप में बुलाया जाता है।
हमें हॉकी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और इस खेल के महत्व को समझते हुए हमें इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लेने की जरुरत है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय करने में हम सभी को योगदान करना चाहिए।
निबंध 2 (400 शब्द)
भारत में अन्य खेलों (जैसे – क्रिकेट, बैडमिटन, टेनिस आदि) की निरंतर बढ़ती हुई प्रसिद्धी के बाद भी हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं है, फिर भी राष्ट्रीय खेल के रुप में चुना गया है।
भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णकाल 1928-1956 तक था, जब इसके बुद्धिमान खिलाड़ियों ने ओलम्पिक में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद, हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यान चन्द की मृत्यु के बाद हॉकी का भविष्य अंधकार युक्त हो गया। उस समय बहुत से हॉकी खलने वाले गैर-भारतीय खिलाड़ी (एंग्लो-इंडियन) आस्ट्रेलिया के लिए प्रवास कर गए। फिर भी, आज भारतीय खिलाड़ियों में हॉकी के लिए रुचि में थोड़ी सी वृद्धि हुई है। धनराज पिल्लै, जो भारतीय हॉकी के एक और नायक थे, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह भारतीय हॉकी टीम के प्रबंधक के रूप में नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने हॉकी के लिए एक अर्जुन पुरस्कार जीता था।
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल क्यों हैं?
हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल, भारत में हॉकी के स्वर्णकाल (1928 से 1956 तक) के कारण चुना गया। उस समय तक, भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने हॉकी में वास्तव में बहुत बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए उनकी लगातार जीत और उनकी अद्भुत योग्यता ही इस खेल को देश के राष्ट्रीय खेल के रुप में चुनने का कारण बनी। स्वर्णकाल के दौरान, भारत ने सक्रिय रुप से भागीदारी की और 24 ओलम्पिक खेलों को खेला। सबसे अधिक आश्चर्यचकित करने वाला तथ्य यह था कि, इसने सभी मैचों को 178 गोल बनाकर जीता था। इसने टोकियो ओलम्पिक (1964) में और मॉस्को ओलम्पिक (1980) में स्वर्ण पदकों को जीता था।
हॉकी बहुत ही अच्छा खेल है और विद्यार्थियों के द्वारा सबसे अधिक पसंद किया जाता है। हॉकी के लिए दूसरा स्वर्णकाल लाने के लिए, इसे कॉलेज और स्कूलों में विद्यार्थियों को नियमित भागीदारी के द्वारा बढ़ावा दिया जाना चाहिए। योग्य बच्चों को स्कूली स्तर से ही हॉकी को सही तरीके से खेलना सिखाना चाहिए। भारतीय हॉकी की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा हॉकी खेलने वाले विद्यार्थियों के लिए धन कोष, वित्तीय सुविधाओं के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करानी चाहिए।
निबंध 3 (500 शब्द)
हॉकी मैदान में खेले जाना खेल है, जिसे 11-11 खिलाड़ियों को रखने वाली दो टीमों के द्वारा खेला जाता है। इसे भारत का राष्ट्रीय खेल इसिलिए चुना गया है क्योंकि भारत हॉकी में कई सालों तक विश्व विजेता रहा था। हॉकी को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया है हालांकि, इसे केवल भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, क्योंकि भारत ने हॉकी में बहुत से स्वर्ण पदकों को जीता है। यह पूरे संसार में बहुत से देशों के द्वारा खेला जाता है। यह बहुत ही मँहगा खेल नहीं है और किसी भी युवा के द्वारा खेला जा सकता है। यह बहुत ही रुचि और आनंद का खेल है, जिसमें बहुत ज्यादा गतिविधियाँ और अनिश्चितताएं शामिल होती हैं। यह रफ्तार का खेल है और परिस्थितियाँ बहुत शीघ्र बदलती है, जो आश्चर्य पैदा करती है।
भारत में हॉकी का महत्व
हॉकी भारत में बहुत महत्वपूर्ण खेल है क्योंकि भारत को हॉकी के क्षेत्र में कई वर्षों तक विश्व विजेता बनाया है, इसलिए इसे भारत के राष्ट्रीय खेल के रुप में चुना गया है। इस खेल का इतिहास बड़ा और महान है, क्योंकि यह बुद्धिमान खिलाड़ियों द्वारा भारत की जड़ों में गहराई तक समाया हुआ है। यह भारत के प्राचीन ज्ञात खेलों में से एक है हालांकि, इसकी जड़े अब योग्य हॉकी खिलाड़ियों और आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण कमजोर हो गई हैं। इस खेल के अस्तित्व को प्राचीन ओलम्पिक खेलों से पहले 1200 साल पुराना खेल माना जाता है।
पहले समय में, यह अलग तरीकों के साथ खेला जाता था हालांकि, अब इसे मैदानी हॉकी के रुप में खेला जाता है, जो 19वीं सदी में ब्रिटिश द्वीपों में विकसित हुआ था। यह अंग्रेजी विद्यालयों में खेला जाने वाला खेल था, जो भारत में ब्रिटिश सेना के द्वारा लाया गया था। इसके बाद, यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और इसने विश्व भर में प्रसिद्धी प्राप्त कर ली। इस खेल को नियंत्रित करने और अपने नियमों का मानकीकरण करने के लिए, लंदन हॉकी एसोसिएशन का गठन किया गया था। बाद में, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (1924 में) और महिला हॉकी के अंतर्राष्ट्रीय महासंघ का गठन किया गया।
भारत में सबसे पहले हॉकी क्लब कलकत्ता (1885-86) में गठन किया गया था। भारतीय खिलाड़ियों ने अपने सफल ओलम्पिक खेल की शुरुआत 1928 के एम्सटर्डम में की थी, जहाँ उन्होंने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। यह एक शानदार भारतीय हॉकी खिलाड़ी, जिनका नाम ध्यानचंद था, की वजह से हुआ। उन्होंने वास्तव में एम्सटर्डम की भीड़ के सामने सभी भारतीयों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। भारत लगातार हॉकी के अपने स्वर्ण युग के दौरान छह ओलम्पिक स्वर्ण पदक और लगातार 24 हॉकी मैच जीता था। हॉकी के स्वर्णिम युग के उत्कृष्ट खिलाड़ियों में से कुछ ध्यानचंद, बलबीर सिंह, अजीत पाल सिंह, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, धनराज पिल्लै, बाबू निमल, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, आदि थे।
निबंध 4 (600 शब्द)
हॉकी कई देशों में खेला जाने वाला एक सबसे लोकप्रिय और दिलचस्प खेल है। यह भारत का राष्ट्रीय खेल चुना गया है हालांकि, इसके लिए किसी भी प्रकार की आधिकारिक घोषण नहीं की गई है। इस खेल में दो टीमें होती हैं और दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। एक टीम के खिलाड़ियों का लक्ष्य दूसरी टीम के खिलाफ हॉकी के प्रयोग से विरोधी टीम के नेट पर बॉल मारकर अधिक से अधिक गोल बनाना होता है।
हमारे देश ने छह ओलंपिक स्वर्ण पदक और लगातार विभिन्न मैच जीतने के बाद हॉकी के क्षेत्र में एक शानदार रिकॉर्ड बना दिया है। जब भारत ने लगातार विभिन्न हॉकी मैच जीते थे उस समय को हॉकी के स्वर्णिम दौर (1928 से 1956 के बीच के समय) के रूप में कहा जाता है। स्वर्णिम दौर के प्रसिद्ध खिलाड़ी ध्यानचन्द थे, और उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों की वजह से उन्हें हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है।
हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति
हॉकी भारत में वर्षों पहले से खेला जाने वाला प्राचीन खेल है। यह हॉकी की छड़ी (स्टिक) और बॉल के साथ खेला जाता है। यह 1272 ईसा, पूर्व से पहले आयरलैंड में और 600 ईसा. पूर्व के दौरान प्राचीन यूनान में खेला जाता था। हॉकी के बहुत से रुप है; जैसे- मैदानी हॉकी, आइस हॉकी, स्लेज हॉकी, रोलर हॉकी, सड़क हॉकी, आदि। आजकल, मैदानी हॉकी को आमतौर पर, खेला जाता है। आइस हॉकी, मैदानी हॉकी के बिल्कुल विपरीत है, जो कनाडा और उत्तरी अमेरिका के बर्फीले मैदानों में खेली जाती है।
हॉकी खेलने के लिए आवश्यक उपकरण
हॉकी को सुरक्षित रुप से खेलने के लिए रुख उपकरणों की आवश्यकता होती है जिनके नाम, हैलमेट, नेक (गर्दन) गार्ड, कंधे के पैड, घुटनों के पैड, कोहनी के पैड, कप पॉकेट के साथ जैक्सट्रैप और सुरक्षात्मक कप (पुरुषों के गुप्तांग की रक्षा के लिए कप), हॉकी की छड़ी, और एक बॉल।
हॉकी के रुप
हॉकी के अन्य रुप (जो हॉकी या अपने पूर्ववर्तियों से उत्पन्न हुए हैं) जैसे; एअर (हवा में) हॉकी, बीच (समुद्री तट) हॉकी, बॉल हॉकी, बॉक्स हॉकी, डेक (बन्दरगाह) हॉकी, फ्लोर (जमीनी) हॉकी, फुट हॉकी, जिम हॉकी, मिनी हॉकी, रॉक हॉकी, पौंड हॉकी, पॉवर हॉकी, रौसेल हॉकी, स्टेकर हॉकी, टेबल हॉकी, अन्डर वॉटर हॉकी, यूनिसाइकल हॉकी आदि।
भारत में हॉकी का भविष्य
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, वास्तव में हॉकी के खेल का भारत में स्वर्णकाल के बाद अच्छा समय अब बीत गया है। यह हॉकी में रुचि और हॉकी के योग्य खिलाड़ियों की कमी के साथ ही भविष्य में इस खेल को नियमित रखने के लिए युवाओं को आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण हुआ है। ऐसा लगता है कि, यह कभी भी खत्म नहीं होगा और हॉकी के लिए लोगों के प्यार, आदर और सम्मान के कारण हॉकी का स्वर्ण युग वापस आएगा। यद्यपि, हॉकी के स्वर्ण युग को भारत में वापस लाने के लिए भारतीय सरकार के द्वारा अधिक प्रयासों, लगन और समर्थन की आवश्यकता है। भारतीय हॉकी लीग, हॉकी टीमों को बढ़ाने (2016 तक 8 टीम और 2018 तक 10 टीम) के लिए कुछ प्रभावशाली रणनीतियों को लागू करने की योजना बना रही है। आने वाले तीन सत्रों में (2016 से 2018 तक 6 मैचों का टूर्नामेंट होगा) भारतीय हॉकी और आस्ट्रेलिया हॉकी के बीच अनुकूल समझौता हुआ है।
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। ऐसा केवल कहा जाता है हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि, हॉकी के स्वर्ण युग को वापस लाकर इसे आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय खेल घोषित कराया जाए। इसके लिए बच्चों को स्कूल के समय से ही उन्हें सभी सुविधाओं को प्रदान करने के द्वारा उच्च स्तर पर बढ़ावा देने के साथ ही अध्यापकों, अभिभावकों और सरकार के द्वारा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
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हॉकी पर निबंध
विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित ज्ञान प्राप्त करने, अलग-अलग विषयों की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से विद्यालयों में अक्सर बच्चों को अलग-अलग विषय पर निबंध लेख दिया जाता है।
दुनिया भर में कई तरह के खेल खेले जाते हैं, जिसमें से एक हॉकी है। हॉकी कई देशों में खेले जाते हैं लेकिन इसे भारत का राष्ट्रीय खेल माना है।
इस लेख में हम हॉकी पर निबंध (hockey essay in hindi) लेख लेकर आए हैं। इस हॉकी के बारे में निबंध लेख के जरिए आप हॉकी खेल के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यह भी पढ़े: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध
हॉकी पर निबंध (Essay on Hockey in Hindi)
हॉकी को न केवल भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है बल्कि यह भारत का प्राचीन खेल भी है। भारत में क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस जैसे कई खेलों के निरंतर बढ़ती हुई प्रसिद्ध के बाद भी हॉकी आज भी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।
हालांकि आधिकारिक तौर पर हॉकी को भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है लेकिन हॉकी के क्षेत्र में भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई स्वर्ण पदक जीते हैं, जिसके कारण इसे भारत का राष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाता है।
1928 से लेकर 1956 तक भारत में हॉकी का स्वर्ण काल रहा थ। क्योंकि उस दौरान इस क्षेत्र के कई महान भारतीय खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक जीते थे। ओलंपिक में केवल हॉकी खेल में भारत ने 6 स्वर्ण पदक जीते थे।
हॉकी के प्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ियों में मेजर ध्यानचंद जिन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है, धनराज पिल्लै, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, बाबू निमल, मोहम्मद शाहिद, बलबीर सिंह सीनियर आदि का नाम प्रसिद्ध है।
हॉकी खेल न केवल आधुनिक खेल है बल्कि इसका इतिहास बहुत पुराना है। यह ओलंपिक खेल के शुरुआत से 1200 साल पहले से ही खेला जाता था। हालांकि उस समय हॉकी के खेलने के तरीके अलग होते थे लेकिन अब यह मैदानी हॉकी के रूप में खेला जाता है।
हॉकी खेल ब्रिटिश द्वीपों पर विकसित हुआ था। अंग्रेजी विद्यालयों में यह खेल खेला जाता था लेकिन भारत में ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों के द्वारा यह खेल भारत में लाया गया था और देखते ही देखते यह खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और विश्व भर में प्रसिद्ध हो गया।
भारत में 1885 से 1586 के बीच में पहला हॉकी क्लब कोलकाता में गठित किया गया था। पहली बार भारत ने 1928 के ओलंपिक खेल में हॉकी में स्वर्ण पदक हासिल किया था। ओलंपिक में पहली बार हॉकी में भारत को स्वर्ण पदक जीताने वाले उस महान खिलाड़ी का नाम मेजर ध्यानचंद था।
हॉकी खेल को आयोजित करने और उसे नियंत्रित करने के लिए लंदन हॉकी एसोसिएशन का गठन किया गया था। बाद में 1924 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ और महिला हॉकी अंतरराष्ट्रीय महासंघ का गठन हुआ।
हॉकी दो टीमों के बीच में खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। हॉकी खेल मैदान पर खेला जाता है। हॉकी खेलने के लिए हॉकी की छड़ और एक बोल की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए हेलमेट, नेक गार्ड, घुटने, कोहनी के पेड जैसे कई तरह के उपकरण की भी आवश्यकता होती है।
सभी खेलों की तरह हॉकी खेल भी हमारे शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। हॉकी से हमारे मसला बनते हैं, वजन घटता है, रक्तचाप कम होता हैं।
हॉकी को भले ही भारत का राष्ट्रीय खेल कहा जाता हो लेकिन जिस तरीके से सभी भारतवासियों में क्रिकेट के लिए पागलपन है, उतना हॉकी या किसी अन्य खेल के लिए नहीं देखा जाता है।
हॉकी खेल भी अन्य खेल की तरह ही महत्वपूर्ण है। इसलिए हॉकी खेल को भी क्रिकेट की तरह ही बढ़ावा देने की जरूरत है। हम सबको इसके महत्व को समझते हुए बढ़ चढ़कर भाग लेना चाहिए।
हॉकी पर निबंध pdf
यहां पर हॉकी पर निबंध pdf के रूप में उपलब्ध कर रहे हैं, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसे आप अपने प्रोजेक्ट आदि में काम ले सकते हैं।
उपरोक्त लेख में आपने हॉकी पर निबंध के जरिए हॉकी खेल से संबंधित विभिन्न जानकारी प्राप्त की।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। यह लेख विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध | Hockey Essay in Hindi
राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध | HOCKEY ESSAY IN HINDI
आज हम राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (Essay On National Game Hockey In Hindi) लिखेंगे। राष्ट्रीय खेल हॉकी पर लिखा यह निबंध (bharat ka rashtriya khel hockey par nibandh) बच्चों (kids) और class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसे speech, Paragraph और Nibandh के रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं.
राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध (National Game Hockey Essay In Hindi)
Table of Contents
हॉकी का इतिहास और उत्पत्ति
ऐसा माना जाता है कि हॉकी का खेल अपने आरंभिक रूप में हलिंग और शिंटी नामों से खेला जाता था। मध्यकाल में छड़ी द्वारा खेला जाने वाला फ्रांसीसी खेल ‘हॉकी’ प्रचलित था, जो आज पूरे विश्व में खेला जाता है। आधुनिक जगत में 1971 में हॉकी विश्वकप प्रतियोगिता का आरंभ हुआ। आज हॉकी की अनेक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ होती हैं; जैसे-यूरोपियन कप, विश्व कप, एशियाई कप आदि।
हॉकी का विस्तार
भारत में हॉकी के विस्तार का श्रेय मुख्य रूप से ब्रिटिश सेना को जाता है। 19वीं शताब्दी में अंग्रेजी विद्यालयों में हॉकी खेलने की शुरुआत हुई। 1908 में हॉकी को पहली बार ओलंपिक में शामिल किया गया। 1980 में महिला हॉकी टीम ओलंपिक में शामिल की गई। धीरे-धीरे यह खेल महिलाओं का लोकप्रिय खेल बन गया। इसे विद्यालयों, महाविदयालयों, क्लवों आदि में खेला जाने लगा।
हॉकी के ज़रूरी नियम
हॉकी की टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। पाँच खिलाड़ी फॉरवर्ड, तीन हाफ़बैक, दो फुलबैक और एक गोलकीपर होता है। हॉकी खेलने का मैदान चौकोर होता है। इसके केंद्र में एक केंद्रीय रेखा और दो अन्य रेखाएँ खींची जाती हैं। हॉकी का खेल एक छड़ी (स्टिक) तथा गेंद के द्वारा खेला जाता है। एक खेल में 35 मिनट के दो भाग होते हैं, जिनमें 5 से 10 मिनट का अंतराल होता है। खेल केवल किसी खिलाड़ी को चोट लगने की स्थिति में हो रोका जाता है। गोलकीपर मोटे और हलके पैड पहनता है। उसे शरीर या पैर की मदद से गेंद रोकने की इजाजत होती है। अन्य खिलाड़ी गेंद को केवल स्टिक से ही रोकते हैं।
हॉकी में खिलाड़ियों दवारा कई तरह की गलतियाँ भी की जाती हैं, जिन्हें फाउल कहते हैं। अधिकांशतः फाउल के दंड के रूप में विरोधी दल को एक फ्री हिट दी जाती है। खेल के प्रत्येक भाग के लिए एक निर्णायक रेफ़री होता है।
हॉकी का भारत में इतिहास
भारत में यह खेल सर्वप्रथम कोलकाता में खेला गया था। भारतीय टीम का गठन सबसे पहले वहीं हआ था। 26 मई को भारतीय हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक खेलों में शामिल हुई और विजयी हुई थी। भारत के पास ओलंपिक स्वर्ण पदकों के उत्कृष्ट रिकॉर्ड हैं। हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता था। 1928 से 1956 तक भारत में हॉकी का स्वर्णिम काल था। इस दौरान भारत ने हॉकी में 6 ओलंपिक पदक जीते थे।आज भी हॉकी का खेल भारत में खूब खेला जाता है।
उम्मीद है आपको ये Hindi Essay on ” National Game Hockey “, “हॉकी का हिंदी में लेख”, “Hockey ka Lekh aur Essay” Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10 अच्छा लगा होगा.
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Essay on Hockey : भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध
- Updated on
- जुलाई 18, 2024
Essay on hockey in Hindi: हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है साथ ही यह एक लोकप्रिय खेल है। हॉकी एक ऐसा खेल है जो दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिनमें से प्रत्येक में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। यह खेल स्टिक और गेंद से खेला जाता है। प्रत्येक टीम हॉकी स्टिक की मदद से गेंद को विरोधी टीम के गोल में मारकर गोल करने की कोशिश करती है।
This Blog Includes:
हॉकी पर निबंध 100 शब्दों में, हॉकी पर निबंध 200 शब्दों में, भारत में हॉकी का इतिहास, हॉकी खेल के नियम, हॉकी के जादूगर ध्यान चंद के बारे में, हॉकी का महत्व.
100 शब्दों में Essay on hockey in Hindi इस प्रकार हैः
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, लेकिन इसे कई देशों द्वारा खेला जाता है। इसे दो टीमों के बीच में खेला जाता है। दोनों पक्षों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। सभी खिलाड़ियों का लक्ष्य गेंद को विपक्षी टीम के नेट में मारना होता है, ताकि अंक प्राप्त किए जा सकें। 1928 में, भारत ने हॉकी में विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक खेलों में छह स्वर्ण पदक जीते। 1928 से 1956 तक की अवधि को भारतीय हॉकी का स्वर्णिम काल माना जाता है। एथलेटिक हॉकी खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया क्योंकि भारत ने कई ओलंपिक हॉकी पदक जीते थे।
200 शब्दों में Essay on hockey in Hindi इस प्रकार हैः
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। हालाँकि, इसके मुख्य नियम हर जगह लागू होते हैं। जब भारत की बात आती है, तो देश का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत बढ़िया है। भारत ने ओलंपिक में लगातार छह स्वर्ण पदक और कई मैच जीते हैं। हॉकी की उत्पत्ति उन्नीसवीं सदी के मध्य में देखी जा सकती है। 1928 के एम्स्टर्डम खेलों में अपने ओलंपिक पदार्पण में, भारतीय हॉकी टीम ने एक भी गोल किए बिना अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। भारत के हॉकी दिग्गजों ने 1928 से 1956 तक लगातार छह ओलंपिक स्वर्ण पदक और 24 मैच जीते। हॉकी खेलते समय, कई गियर और उपकरण होते हैं जो खिलाड़ी को गंभीर नुकसान से बचाते हैं। सुरक्षा के लिए हेलमेट, शोल्डर पैड, गर्दन की सुरक्षा और जॉकस्ट्रैप सभी की सिफारिश की जाती है। यह खेल भारत में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे देश का राष्ट्रीय खेल घोषित किया गया है। संक्षेप में कहें तो, हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, फिर भी इसके प्रति लोगों का रूझान बहुत कम है। भारत में, हॉकी को ब्रिटिश सेना रेजिमेंट द्वारा पेश किया गया था और जल्द ही यह लोकप्रिय हो गया।
हॉकी पर निबंध 500 शब्दों में
500 शब्दों में Essay on hockey in Hindi इस प्रकार हैः
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। यह एक लोकप्रिय और आकर्षक खेल भी है जिसे कई देश खेलना पसंद करते हैं। इस खेल के कई नियम हैं जिनका पालन निष्पक्ष खेल के लिए प्रत्येक टीम को करना चाहिए। यह खेल दुनिया भर में विभिन्न रूपों में खेला जाता है। हालाँकि, मौलिक नियम हर जगह लागू होते हैं।
भारत में हॉकी का इतिहास भारत में ब्रिटिश रेजिमेंट के शासन से शुरू होता है। कलकत्ता 1885-86 में हॉकी क्लब का आयोजन करने वाला पहला शहर था। भारतीय हॉकी टीम ने 1928 के एम्स्टर्डम खेलों में अपने ओलंपिक डेब्यू टूर्नामेंट में एक भी गोल किए बिना अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। 1928 से 1956 तक, भारत के हॉकी दिग्गजों ने लगातार छह ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते और लगातार 24 मैच जीते। इस दौरान, भारत ने 178 गोल किए और केवल सात गोल खाए।
मैदान का आकार निश्चित होता है और यह आयताकार आकार का होता है, जो बराबर लंबाई और चौड़ाई के दो हिस्सों में विभाजित होता है। खेल का समय पूरा 60 मिनट का होता है। जिसे 20-20 मिनट के तीन-चौथाई हिस्सों में विभाजित किया जाता है। इसके अलावा, एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। मैच का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी टीम के गोल पोस्ट में अधिकतम गोल करना होता है। जो टीम अधिक गोल करने में सफल होती है, वह मैच जीत जाती है। गणित के दौरान होने वाली हर चीज के लिए नियम होते हैं, चाहे वह खिलाड़ी से संबंधित हो या रेफरी से।
ध्यानचंद के पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में थे और वह भी 16 वर्ष की आयु में सेना में शामिल हो गए। बचपन में चंद का हॉकी से ज्यादा कुश्ती में रुझान था। सेना में भर्ती होने के बाद वह सेना की हॉकी प्रतियोगिताएं खेला करते थे। चंद ने संयुक्त प्रांत की टीम के लिए हॉकी खेली, जहां से उन्हें 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय टीम के लिए खेलने के लिए चुना गया। 1928 के ओलंपिक में भारतीय टीम ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को भारी अंतर से हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह देश का पहला स्वर्ण पदक था। 1934 में चंद को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारत का सामना मेजबान जर्मनी से फाइनल में हुआ। भारत ने 8-1 से जीत हासिल की, जिसमें ध्यानचंद ने 3 गोल किए। 1956 में चंद सेना से मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए। उसी वर्ष उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। ध्यानचंद का 3 दिसंबर 1979 को 74 वर्ष की आयु में लिवर कैंसर से निधन हो गया। 1995 से उनकी जयंती को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2002 में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम कर दिया गया।
भारत में इस खेल का बहुत महत्व है क्योंकि भारत ने इसे अपना राष्ट्रीय खेल चुना। साथ ही, भारत में खेलों से जुड़ा एक उज्ज्वल और बड़ा गहरा इतिहास है। इसके अलावा, भारत में कई शानदार खिलाड़ी हैं जिन्होंने देश के लिए खेला है और यह देश का सबसे पुराना ज्ञात खेल है। भारत की हॉकी जीत ने देश को पूरे विश्व में सम्मान और मान्यता दिलाई है तथा इसकी एथलेटिक क्षमता का प्रदर्शन किया है।
हॉकी एक लोकप्रिय और दिलचस्प खेल है। लेकिन फिर भी भारत में इसे ज़्यादा तवज्जो नहीं मिली है। बहुत कम लोग हैं जो हॉकी के प्रति जुनून रखते हैं और भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। भारत सरकार को हॉकी को बढ़ावा देने के लिए ज़्यादा सुविधाएँ देनी चाहिए और ज़्यादा ध्यान देना चाहिए। इसे शारीरिक शिक्षा में शामिल किया जाना चाहिए और उचित कोचिंग प्रदान की जानी चाहिए ताकि छात्र स्कूल स्तर पर हॉकी खेलना शुरू कर सकें।
भारत में हॉकी का इतिहास भारत में ब्रिटिश रेजिमेंट के शासन से शुरू होता है। कलकत्ता 1885-86 में हॉकी क्लब का आयोजन करने वाला पहला शहर था
हॉकी में गोल करने के लिए खिलाड़ी को बिना कोई फ़ाउल किए गेंद को विरोधी टीम के गोल पोस्ट में मारना होता है। अगर वह गोलपोस्ट से चूक जाता है तो उसकी टीम को कोई अंक नहीं दिया जाता। लेकिन गोल करने के लिए गेंद को लाइन पार करना या नेट पर मारना ज़रूरी है। इसके अलावा, अगर वह ऐसा करने में सफल नहीं होता है तो उसकी टीम को कोई अंक नहीं दिया जाएगा।
टीम में 11 खिलाड़ी होते है।
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हॉकी पर निबंध (Essay On Hockey In Hindi)
In this Article
हॉकी पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Hockey In Hindi)
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हॉकी एक रोमांचक और लोकप्रिय खेल है जो भारत का राष्ट्रीय खेल भी है। हॉकी का खेल मैदान पर दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक टीम के 11 खिलाड़ी होते हैं। खिलाड़ियों के पास एक स्टिक होती है, जिससे वे गेंद को हिट करके गोल करने की कोशिश करते हैं। जिस टीम के खिलाड़ी अधिक गोल करते हैं, वही टीम विजेता बनती है।
बच्चों के लिए यह खेल न केवल शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह टीम भावना और अनुशासन सिखाने का भी एक बेहतरीन माध्यम है। इस लेख में, हमने बच्चों के लिए हॉकी पर कुछ सरल और प्रभावशाली निबंध के सैंपल्स प्रस्तुत किए हैं, जो उन्हें इस खेल के महत्व और उसके इतिहास को समझने में मदद करेंगे।
यदि आपके बच्चे को हॉकी में रुचि है या उसे स्कूल में हमारा राष्ट्रीय खेल हॉकी पर 10 लाइन लिखने को कहा गया है तो ऐसे में यह 10 पंक्तियाँ उसे निबंध लिखने मदद कर सकते हैं।
- हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है।
- हॉकी दुनिया भर के प्रसिद्ध खेलों में से एक है।
- हॉकी में दो टीम शामिल होती है।
- हर एक टीम में 10 खिलाड़ी और एक गोलकीपर होता है।
- इस खेल को खेलने की अवधि 75 मिनट की होती है।
- इस खेल को हॉकी स्टिक के साथ खेला जाता है।
- हर एक टीम में एक-एक कप्तान रहता है।
- भारत ने अब तक हॉकी में 6 ओलंपिक अवॉर्ड जीते हैं।
- हॉकी खेलने के लिए समर्पण और अभ्यास की जरूरत होती है।
- बच्चों और बड़ों दोनों को ये खेल बहुत पसंद होता है।
इस निबंध में हॉकी के खेल का परिचय, उसके महत्व, और भारत में इसकी विशेषता पर 200-300 शब्दों में सरल भाषा में चर्चा की गई है। आइए पढ़ते हैं:
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है और इसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ खेला जाता है। हॉकी का खेल दो टीमों के बीच होता है, जिनमें प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। खिलाड़ी J आकार की स्टिक की मदद से गेंद को मार के गोल करने की कोशिश करते हैं। जिस टीम के खिलाड़ी अधिक गोल करते हैं, वह टीम विजेता बनती है। यह खेल तेजी और कुशलता से खेली जाती है, जिसमें खिलाड़ियों को शारीरिक चुस्ती के साथ-साथ रणनीतिक सोच भी चाहिए होती है।
भारत में हॉकी का इतिहास बहुत गौरवशाली है। भारतीय हॉकी टीम ने 1928 से 1956 तक लगातार छह ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीते, जिससे देश को गर्व की अनुभूति हुई। दिग्गज खिलाड़ी ध्यानचंद को हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है, जिनकी खेल क्षमता ने भारत को कई मैच जिताए। उनकी नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने विश्वभर में अपनी धाक जमाई।
हॉकी खेलना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि यह खिलाड़ियों में अनुशासन, एकता और सहनशक्ति भी विकसित करता है। इस खेल के माध्यम से खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत, संयम और सहयोग का महत्व समझ आता है।
हालांकि आज के समय में क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों की लोकप्रियता बढ़ी है, फिर भी हॉकी का महत्व और सम्मान भारत में बरकरार है। सरकार और खेल संगठनों द्वारा इसे पुनर्जीवित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। हॉकी के प्रति हमारे लगाव और सहयोग से यह खेल फिर से अपनी पुरानी प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकता है।
अगर आपका बच्चा हॉकी खेलने का शौकीन है और उसे अपने पसंदीदा खेल के बारे में निबंध लिखना है तो यह हिंदी में लॉन्ग एस्से उसके मनपसंद विषय को और बेहतर जानने, लिखने व बोलने मदद करेगा।
हॉकी क्या है? (What Is Hockey?)
हॉकी ग्यारह खिलाड़ियों के दो टीमों द्वारा मैदान में खेला जाने वाला एक खेल है जिसमें सभी खिलाड़ी एक छोटे गेंद को J आकार की एक छड़ी द्वारा मार कर गोल बनाने की कोशिश करते हुए खेलते हैं। इसमें गोलकीपर भी होता है जो खिलाड़ियों को गोल करने से रोकता है यानी बॉल को नेट तक जाने से रोकता है। हॉकी को खेलने के लिए बहुत मेहनत, संयम, एकता लगती है क्योंकि फील्ड पर टीम के हर खिलाड़ी को दौड़ते और भागते रहना होता है और हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है। हॉकी खेलते वक्त गोलकीपर अपनी सुरक्षा के लिए पैडेड जर्सी और हेल्मेंट और हाथ में हॉकी स्टिक लेकर खड़ा रहता है। इस खेल की अवधि 75 मिनट होती है। इस खेल दो भागों में खेला जाता है और हर एक सत्र 35 मिनट का होता है जिनके बीच में ब्रेक लिया जाता है।
हॉकी का इतिहास (History of Hockey)
साल 1885-1886 में भारत में हॉकी पहली बार खेली गई थी। इस दौरान भारत का पहला हॉकी क्लब कलकत्ता में बना था। जब यह शुरू हुआ खेलों के कोई नेशनल कॉम्पिटिशन नहीं खेले जाते थे। वहीं साल 1895 में इस खेल को आगे बढ़ाया गया और कलकत्ता में बेटन कप टूर्नामेंट और आगा खान टूर्नामेंट बॉम्बे में आयोजित किया गया था। साल 1925 में, भारतीय हॉकी महासंघ का गठन किया गया था, जिसकी वजह से भारतीय खिलाड़ियों को इंटरनेशनल लेवल पर खेलने का मौका दिया गया था। भारतीय खिलाड़ियों ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच न्यूजीलैंड में खेला जहां उन्होंने 18 मैच जीते, 1 मैच हारे और 2 मैच ड्रॉ रहे।
हॉकी के नियम (Rules of Hockey)
- दोनों टीमों में कुल 11-11 खिलाड़ी होने चाहिए।
- कोई भी खिलाड़ी बॉल को पैर से नहीं मार सकता है।
- खिलाड़ियों को अपनी हॉकी स्टिक हवा में बहुत ऊपर नहीं घुमानी होती है।
- एक समय पर सिर्फ दो खिलाड़ी ही बॉल को छू सकते हैं, तीसरा खिलाड़ी को अनुमति नहीं होती है।
- हॉकी स्टिक के आगे के हिस्से से ही बॉल को हिट कर सकते हैं।
- खेल के दौरान दूसरे खिलाड़ी को धक्का नहीं देना चाहिए, पेनल्टी लगती है।
हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी (Famous Hockey Players)
दुनिया भर में बहुत से हॉकी के धुरंदर खिलाड़ी मौजोद हैं, जिनमे से कुछ ये रहें-
- ध्यान चंद
- बलबीर सिंह सीनियर
- मोहम्मद शाहिद
- धनराज पिल्ले
- पीआर श्रीजेश
- रिक चार्ल्सवर्थ
- जेमी ड्वायर
- मनप्रीत सिंह
हॉकी के प्रकार (Types Of Hockey)
- पैरा आइस हॉकी
- स्ट्रीट हॉकी
हॉकी खेलने का महत्व (Importance Of Playing Hockey)
हॉकी खेलने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बना रहता है। यह खेल खिलाड़ियों में एकता, सहनशक्ति, और अनुशासन को बढ़ावा देता है। हॉकी खेलते समय खिलाड़ियों को तेज गति से दौड़ना पड़ता है और अपने विरोधी खिलाड़ियों को चकमा देकर गेंद को गोल की ओर ले जाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें बहुत अधिक मेहनत और अभ्यास की आवश्यकता होती है।
- हॉकी खेल में बने नेट 6 फीट चौड़े और 4 फीट लंबे होते हैं।
- भारत की हॉकी टीम ओलिंपिक में सबसे सफल टीम रही है।
- महिला हॉकी की शुरुआत साल 1947 से हुई थी।
- भारत ने पहला हॉकी वर्ल्ड कप 1971 में खेला था।
- भारत की वर्तमान महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे है जो झारखंड से है।
अगर आपका बच्चा भी हॉकी को पसंद करता है और इस खेल के बारें जानना चाहते है। इस हॉकी के निबंध से उसे जरूरी जानकारियां मिल जाएंगी साथ ही जब उसे इस विषय पर निबंध लिखने को मिलेगा या फिर कोई उसे हॉकी के बारे में पूछेगा तो वह बेझिझक बता पाएगा। इससे आपका और आपके बच्चे दोनों का ही आत्मविश्वास बढ़ेगा।
1. भारत में हॉकी का जादूगर किस खिलाड़ी को कहा जाता था?
भारत के खिलाड़ी ध्यान चंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था।
2. भारत ने कितनी बार हॉकी विश्व कप जीता है?
भारत ने साल 1975 में सिर्फ एक बार हॉकी विश्व कप जीता है।
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क्रिकेट पर निबंध बैडमिंटन पर निबंध
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मेरा प्रिय खेल हॉकी
हॉकी के नियम .
- एक मैच के दौरान एक टीम अधिकतम तीन खिलाड़ियो को बदल सकती है।
- एक बार बदला गया खिलाड़ी दुबारा उस मैच मे नहीं खेल सकता है।
- गोलकीपर अपने क्षेत्र मे बोल को किक मार सकता है। या अपने शरीर से रोक सकता है।
- बोल को शरीर को हिस्से से रोकने के लिए खिलाड़ी को अपने पैरो को हवा मे रखना पड़ता है। यदि ऐसा नहीं होता है। और खिलाड़ी बोल को छु लेता है। तो उस खिलाड़ी की टीम को नुकसान होता है।
- हॉकी को डंडे की सहायता से खेला जाता है। और इस डंडे को हॉकी कहते है।
- बोल को हॉकी की सहायता से फेंका जा सकता है।
- यदि कोई खिलाड़ी जानबूझकर बोल को गोल पोस्ट के बाहर कर दे तो इस पर विपक्षी टीम को पेनल्टी कॉर्नर मिलता है।
- पेनाल्टी स्ट्रोक आक्रमण की टीम का कोई भी खिलाड़ी मार सकता है। जिसे विरोधी टीम का सिर्फ गोलकीपर ही रोक सकता है। यदि ये बोल कंधे से ऊँची हो ओ इसे गोलकीपर स्टिक की सहायता से रोक सकता है।
- यदि पेनाल्टी स्ट्रोक की बोल अर्धवृत के बाहर चली जाए। तो पेनाल्टी स्ट्रोक समाप्त हो जाता है।
- यदि गोलकीपर द्वारा किसी भी प्रकार से नियमो का उलंघन कर बोल को रोक दिया जाए ओ भी वह गोल माना जाएगा।
- हॉकी खेल मे खिलाड़ियो द्वारा नियमो का उलंघन करने पर उन्हे को तीन प्रकार के कार्ड दिए जाए है।
- हरा कार्ड देने पर खिलाड़ी को चेतावनी दी जाती है। पीला कार्ड देने पर खिलाड़ी को 5 मिनट के लिए मैच से बाहर कर दिया जाता है। तथा लाल कार्ड देने पर खिलाड़ी को उस पूरे मैच से बाहर कर दिया जाता है।
- हॉकी की प्रमुख प्रतियोगिताएँ
- ओलम्पिक हॉकी
- लेडी रतन टाटा कप
- एमसीसी कप गुरुनानक कप
- सिंधिया गोल्ड कप
- ध्यानचंद ट्रॉफी
- सीनियर नेहरू हॉकी ट्रॉफी
- एशियाए हॉकी
- इन्दिरा गोल्ड कप
- रंगास्वामी कप
- जीवन में खेलों का महत्व निबंध
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- शिक्षा में खेलकूद का महत्व पर निबंध
- मेजर ध्यानचंद पर निबंध
कुल पेज दृश्य
हॉकी पर निबन्ध – Essay on Hockey in Hindi
Essay on Hockey in Hindi आज हम भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबन्ध लिखा है. हॉकी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह हॉकी खेल के बारे में अपनी परीक्षा में सही जानकारी लिख सकेंगे.
Essay on Hockey in Hindi 150 words
हॉकी पुराने और अच्छे खेलों में से एक है. यह हमारे भारत देश का राष्ट्रीय खेल भी है. हमारे देश के साथ-साथ यह लगभग सभी देशों में खेला जाता है. हॉकी खेल खुले मैदान में खेले जाने वाला खेल है. हॉकी खेल का जन्म बहुत वर्षों पहले हुआ था लेकिन भारत में हॉकी को ब्रिटिश द्वारा लाया गया था.
Get some Essay on Hockey in Hindi
भारतीय लोगों को हॉकी खेल बहुत अधिक पसंद आया इसीलिए 1928 से 1956 के बीच हुए ओलंपिक में भारत ने 6 स्वर्ण पदक जीते थे. इसे भारतीय हॉकी का स्वर्णकाल युग भी कहा जाता है.
हॉकी खेल में 11-11 खिलाड़ियों की दो टीम होती है. हॉकी का एक मैच 60 मिनट का होता है जो कि 15-15 मिनट के 4 क्वार्टर में खेला जाता है. इस खेल को खेलने के लिए एक गेंद और लकड़ी की छड़ी का इस्तेमाल किया जाता है.
मैदान के दोनों तरफ गोल करने के लिए गोल बने हुए होते हैं जो भी टीम अधिक गोल करती है उस टीम को विजयी घोषित कर दिया जाता है.
Essay on Hockey in Hindi 400 words
हॉकी को लगभग पूरे विश्व में खेला जाता है इस खेल की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई थी कि 1908 में हॉकी खेल को ओलंपिक खेलों में भी शामिल कर लिया गया था. हॉकी खेल के जन्म पर हुई रिसर्च के अनुसार यह खेल 1200 ईसा, पूर्व से पहले आयरलैंड में और 600 ईसा. पूर्व के दौरान प्राचीन यूनान में खेला जाता था.
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हॉकी खेल की धीरे-धीरे लोकप्रियता बढ़ती गई जिसके कारण हर देश में इस खेल को अपनाना शुरू कर दिया. इस खेल को खेलने का एक और मुख्य कारण यह है कि इस खेल को खेलने के लिए अधिक साज और सामान की आवश्यकता नहीं होती है.
भारत में खेले जाने से पहले यह खेल इंग्लैंड में खेला जाता था और जब ब्रिटिशो ने भारत पर राज किया तब उनके फौजियों द्वारा यह खेल खेला जाता था. उन लोगों को देखकर भारतीय लोग भी हॉकी खेल खेलने लगे.
भारतीय लोगों को हॉकी का खेल इतना पसंद आया कि भारत ने मेजर ध्यानचंद जैसे खिलाड़ी हॉकी खेल को दिए है. मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है उन्होंने भारत को 1928 से 1956 के बीच हुए ओलंपिक में 6 स्वर्ण पदक जिताए थे.
हॉकी का खेल खुले मैदान में खेला जाता है लेकिन आजकल आर्टिफिशियल घास आने के कारण इसे बंद स्टेडियम के अंदर भी खेला जाने लगा है. हॉकी खेल के कई प्रकार है जैसे – मैदानी हॉकी, स्लेज हॉकी, रोलर हॉकी, आइस हॉकी इत्यादि है लेकिन प्रमुख रुप से मैदानी हॉकी ही खेली जाती है.
हॉकी खेल को खेलने के लिए 11-11 खिलाड़ियों की 2 टीम होती है. इसमें 92 मीटर लंबा और 52 से 56 मीटर चौड़ा मैदान होता है जिस को दो बराबर भागों में दोनों टीम के लिए बांट दिया जाता है. मैदान के दोनों छोर पर गोल करने के लिए गोल बनाए जाते है.
इस खेल को खेलने के लिए एक कठोर गेंद और लकड़ी की स्थिति आवश्यकता होती है जोकि छाते के हैंडल की तरह मुड़ी हुई होती है. इस खेल का एक मैच 60 मिनट का होता है जो कि 15-15 मिनट के 4 क्वार्टर में खेला जाता है.
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इस खेल में 5 मिनट का ब्रेक भी दिया जाता है जिससे खिलाड़ी फिर से तरोताजा हो कर खेल सके. जो भी टीम अधिक गोल करती है उसी टीम को विजयी घोषित किया जाता है. इस खेल दो रेफरी होते है जो कि खेल का निरीक्षण करते रहते है. गोल होने पर व किसी खिलाड़ी की गलती करने पर नियम अनुसार कार्रवाई करते है.
Essay on Hockey in Hindi 1500 words
हॉकी एक लोकप्रिय खेल है जिसको विश्व भर के सभी देशों द्वारा खेला जाता है. हॉकी खेल की लोकप्रियता क्रिकेट खेल के जैसे ही दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस खेल को 600 ईसा. पूर्व के दौरान प्राचीन यूनान में खेला जाता था.
पुराने जमाने में इस खेल को खेलने के लिए एक साधारण गेंद होती थी और एक लकड़ी की छड़ी होती थी. जो कि वर्तमान हॉकी स्टिक की तरह मुड़ी हुई नहीं होती थी. वर्तमान हॉकी से मिलता-जुलता खेल पहले इंग्लैंड में ही खेला जाता था.
इंग्लैंड से ही हॉकी में नियमों और कायदों का विकास हुआ था. लेकिन पुराने जमाने में अगर कोई खिलाड़ी 14 मीटर दूर से गोल करता था तब उसे गोल नहीं माना जाता था. हालांकि अब नियमों में सुधार करके इस नियम को बदल दिया गया है.
हॉकी खेल की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए 1886 में हॉकी एसोसिएशन की स्थापना हुई. इसके बाद तो हॉकी खेल में एक नई जान आ गई थी क्योंकि इसके बाद प्रत्येक देश द्वारा इस खेल को अपनाया जाने लगा था.
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पहली बार वर्ष 1908 में हॉकी को ओलंपिक खेलों में शामिल कर लिया गया था उस वर्ष केवल आयरलैंड, स्कॉटलैड, इंग्लैण्ड, वैल्स, जर्मनी तथा फ्रांस द्वारा ही इस खेल को खेला गया था.
भारत का हॉकी खेल में योगदान –
भारत का हॉकी के खेल में बहुत बड़ा योगदान है. भारत में हॉकी की लोकप्रियता क्रिकेट खेल की तरह ही यहां पर हॉकी के खिलाड़ियों को सम्मान की नजरों से देखा जाता है. भारत में हॉकी की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए 1885-86 हॉकी क्लब की स्थापना कोलकाता में की गई थी.
भारतीय खिलाड़ियों ने हॉकी खेल में पहली बार 1928 के एम्सटर्डम में खेले गए ओलंपिक से अपना पहला कदम रखा था. उस वर्ष भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद तो भारतीय टीम ने हॉकी खेल में स्वर्ण पदक की झड़ी लगा दी थी क्योंकि 1928 से 1956 के बीच खेले गए ओलंपिक में भारत ने 6 स्वर्ण पदक जीते थे.
इस युग को भारत का स्वर्ण काल युग में कहा जाता है. भारतीय हॉकी खेल के इतने अच्छे प्रदर्शन के कारण सभी देश के लोग भारतीय खिलाड़ियों को सम्मान की नजरों से देखने लगे थे. भारत को स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद थे जिन्होंने भारतीय हॉकी खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया था.
1936 की भारतीय हॉकी खेल के कप्तान मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है क्योंकि वेज इतनी तेजी से गोल करते थे इतनी तेजी से कोई गोल नहीं कर पाता था और आज तक उनका यह रिकॉर्ड कोई भी नहीं तोड़ पाया है.
हॉकी के स्वर्णिम युग के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के नाम कुछ इस प्रकार है मेजर ध्यानचंद, धनराज पिल्लै, बाबू निमल, बलबीर सिंह, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस, अजीत पाल सिंह, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, मोहम्मद शाहिद आदि थे.
इन्हीं खिलाड़ियों के कारण भारत को हॉकी का सम्राट कहा जाता है. इसी कारण भारत द्वारा हॉकी खेल को भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित किया गया था.
महिला हॉकी की स्थापना –
पुराने जमाने में महिलाओं को हॉकी खेलने की मनाही होती थी क्योंकि उस समय विक्टोरियाई युग चल रहा था जिसमें महिलाओं के खेल खेलने पर प्रतिबंध था. लेकिन इस सब के बावजूद महिलाओं की हॉकी खेलने के प्रति लोकप्रियता बढ़ती जा रही थी.
और 1895 से महिला हॉकी टीम द्वारा मैत्री प्रतियोगिताओं में भाग लिया जाने लगा था. लेकिन 1970 के दशक तक महिला हॉकी टीम को अंतरराष्ट्रीय खेलों में खेलने की अनुमति नहीं दी गई थी. समय बदलने के साथ ही वर्ष 1974 में हॉकी के पहले महिला विश्वकप का आयोजन किया गया.
और इस की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 1980 में महिला हॉकी ओलंपिक में भी इस खेल को शामिल कर लिया गया. भारत में लगातार महिला हॉकी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल रहा है जिसके कारण पिछले कुछ दशकों में महिला हॉकी टीम द्वारा विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन रहा है.
महिला हॉकी खेल की कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के नाम इस प्रकार है – हेलेन मैरी, सूरज लता देवी, ममता खरब, ऐनी लुम्सडेन, सुनीता पुरी, वर्षा सोनी, राजबीर कौर, प्रीतम रानी सिवाच, मधु यादव आदि है.
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हॉकी खेल के प्रकार –
विभिन्न देशों को विभिन्न प्रकार का हॉकी का खेल खेला जाता है जैसे आइसलैंड में आइस हॉकी खेली जाती है उसी प्रकार अन्य देशों में बैंडी, मैदानी हॉकी, स्लेज हॉकी, रोलर हॉकी, आइस स्लेज हॉकी, स्ट्रीट हॉकी, सड़क हॉकी, मेज़ हॉकी, रिंक हॉकी, वायु हॉकी, शिन्नी, जल हॉकी आदि है
हॉकी खेल के नियम –
1. हॉकी 15-15 मिनट के चार क्वार्टर में खेला जाता है
2. अगर मैदान में किसी खिलाड़ी के 5 मीटर के दायरे में कोई अन्य खिलाड़ी हो तो वह खिलाड़ी अपनी हॉकी स्टिक को 18 इंच से ऊपर नहीं उठा सकता है और अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो इसे “हाई बैक लिफ्ट” कहां जाता है. इसके बाद अंपायर सिटी बजाकर फ्री हिट का इशारा करता है.
3. अगर हॉकी खेलते वक्त गेंद किसी खिलाड़ी के पांव या जूते से टकरा जाए तो उसे “कैरीड फाउल” कहते है. इसके बाद अंपायर सिटी बजाकर फ्री हिट का इशारा करता है.
4. हॉकी खेलते वक्त गेंद को जोर से मारकर उछाल नहीं सकते हैं ऐसा करने पर “रेज्ड बॉल फाउल” माना जाता है और अंपायर द्वारा फ्री हिट दी जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हॉकी बॉल को उछाल कर पास नहीं किया जा सकता.
अगर किसी खिलाड़ी को बॉल को उछाल कर अपनी टीम के खिलाड़ी को पास करना है तो उसे देखना होगा कि दूसरे खिलाड़ी के पास कोई अन्य खिलाड़ी नहीं है और साथ ही उसके पास भी कोई अन्य खिलाड़ी नहीं होना चाहिए.
5. हॉकी के मैदान में आमतौर पर गेंद को छूने की मनाही होती है लेकिन अगर हवाई शॉट मारा गया हो तो गेंद को कैच लिया जा सकता है. लेकिन इसमें भी एक नियम है जो भी खिलाड़ी गेंद को कैच लेता है उसको तुरंत गेंद को अपने स्टिक पर रखना होता है.
6. हॉकी के मैदान में अगर 2 टीम हॉकी खेल रही है तो अगर अंपायर को ऐसा लगता है कि खिलाड़ी आपस में लड़ रहे हैं या फिर कोई दुर्घटना हो सकती है तो अंपायर सिटी बजाकर डेंजरस प्ले का इशारा करता है और फ्री हिट मिल जाती है.
7. हॉकी खेल में गोल के आगे बनी वृत्ताकार लाइन के अंदर गोल होने से बचाने के लिए सिर्फ गोलची ही गोल होने से बचा सकता है अगर अन्य कोई खिलाड़ी गोल होने से बचाने का प्रयास करता है
तो यह फाउल माना जाएगा और अंपायर “पेनल्टी स्ट्रोक” दे देगा, इसका मतलब गोलमुख के सामने दूसरी टीम के खिलाड़ी सिर्फ 7 गज से शॉट लेंगे और उसे बचाने के लिए खड़ा होगा सिर्फ आपका गोलची.
8. हॉकी में खिलाड़ियों द्वारा गंभीर गलती करने पर अंपायर द्वारा तीन प्रकार के कार्ड दिखाए जाते है इनका मतलब इस प्रकार है-
पीला कार्ड – यह कार्ड खिलाड़ी से थोड़ी भूल चूक होने पर अंपायर द्वारा दिखाया जाता है जिसके बाद खिलाड़ी को खेल से 2 मिनट के लिए बाहर निकाल दिया जाता है.
हरा कार्ड – यह कार्ड खिलाड़ी को मध्यम श्रेणी की भूल होने पर दिखाया जाता है जिसके बाद खिलाड़ी को खेल से 5 मिनट के लिए बाहर निकाल दिया जाता है.
लाल कार्ड – यह कार्ड खिलाड़ी से बड़ी गलती होने पर दिखाया जाता है जिसके बाद खिलाड़ी को मैच से बाहर कर दिया जाता है.
हॉकी खेलने के उपकरण (Hockey kit) –
हॉकी खेलने के लिए वैसे तो ज्यादा उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन जो खिलाड़ी प्रोफेशनल रूप से हॉकी खेलते है उनके लिए हॉकी किट होनी आवश्यक है – पिंडली पैड, मोजे, स्केटस, कंधो के पैड्स, कोनी का गद्दा, गर्दन गार्ड, हॉकी दस्ताने, पूर्ण पिंजरे के साथ हेलमेट, मुँह रक्षक, हॉकी की छड़ी, सुरक्षात्मक कप (पुरुषों के गुप्तांग की रक्षा के लिए कप), बॉल.
कैसे खेली जाती है हॉकी –
हॉकी खुले मैदान में खेले जाने वाला खेल है इस खेल को खेलने के लिए प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते है और इसमें 92 मीटर लंबा और 52 से 56 मीटर चौड़ा मैदान होता है जिस को दो बराबर भागों में दोनों टीम के खिलाड़ियों के लिए मैदान को बराबर भागों में बांट दिया जाता है.
फिर अंपायर द्वारा टॉस किया जाता है कि कौन सी टीम पहले खेलेगी फिर मैदान के दोनों सिरों पर गोल मारने के लिए गोल बने होते है यह खेल कुछ हद तक फुटबॉल की तरह ही है.
इस खेल को कुल 60 मिनट तक खेला जाता है जिसमें 15-15 मिनट के 4 क्वार्टर होते है. कुछ वर्षों पहले तक इस खेल की समय अवधि 70 मिनट होती थी जिसमें 35-35 मिनट के दो पड़ाव में इस खेल को खेला जाता था.
खेल प्रारंभ होने के पश्चात खिलाड़ियों द्वारा नियमों का पालन करते हुए एक दूसरे के विपरीत गोल करने होते है जो भी टीम 60 मिनट की समय अवधि में अधिक गोल करती है उस टीम को विजयी घोषित कर दिया जाता है.
हॉकी खेलने के लाभ –
1. हॉकी खेलने से शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त बना रहता है.
2. इस खेल को खेलने से शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है.
3. हॉकी खेलने से सोचने समझने की शक्ति बढ़ जाती है.
4. इस खेल को खेलने के कारण बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है जिससे पढ़ाई करने में उन्हें कोई बाधा नहीं होती है.
5. हॉकी का खेल खेलने से हाथों व पैरों की मांसपेशियां मजबूत हो जाती है.
6. हॉकी खेलने से शरीर में अत्यधिक पसीना आता है जिसके कारण शरीर की सारी गंदगी पसीने के रूप में बाहर निकल जाती है.
7. इस खेल को खेलने से बच्चों में बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है.
8. यह खेल एक टीम के रूप में खेला जाता है जिसके कारण जो भी लोग इसे खेलते हैं उनमें भाईचारे की भावना उत्पन्न होती है.
9. यह खेल खेलना जितना सरल लगता है उतना ही खतरनाक भी है इसलिए जो भी व्यक्ति खेल को खेलते हैं उनमें साहस और आत्मविश्वास की भावना अपने आप विकसित हो जाती है.
10. जो भी खिलाड़ी या व्यक्ति हॉकी खेल खेलता है वह कभी भी मोटापे का शिकार नहीं होता है.
11. इस खेल को खेलने से शरीर हष्ट-पुष्ट हो जाता है.
12. हॉकी का खेल, खेल से कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होती है और आलस्य नहीं होता है.
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